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पादप पोषण की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण प्रश्न

The Process of Plant Nutrition and Important Questions
पादप पोषण की प्रक्रिया

हरे पौधे स्वपोषी (Autotrophic) होते हैं, अर्थात ये कार्बनिक पदार्थों (भोजन) का निर्माण स्वयं करते हैं। पौधों द्वारा जल व अकार्बनिक तत्व भूमि से प्राप्त किया जाता है तथा अकार्बनिक तत्व भूमि में खनिजों के रूप में उपस्थित होते हैं। ये खनिज तत्व या पोषक तत्व (Nutrient Elements) कहलाते हैं तथा इनका पोषण खनिज पोषण (Mineral Nutrition) कहलाता है।


(1). मैक्रोन्यूट्रिएंट तत्व

वे खनिज तत्व जिन्हें पौधों को अधिक मात्रा में (आमतौर पर 1 mg/g सूखे भार से अधिक) की आवश्यकता होती है, उन्हें मैक्रोन्यूट्रिएंट कहा जाता है। ये पौधों की वृद्धि, कोशिका निर्माण और ऊर्जा क्रियाओं के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।

उदाहरण: कार्बन (C), हाइड्रोजन (H), ऑक्सीजन (O), नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटैशियम (K), कैल्शियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg), सल्फर (S)।

तत्व प्रमुख कार्य कमी के लक्षण
नाइट्रोजन (N)
प्रोटीन, एंजाइम, न्यूक्लिक अम्ल एवं क्लोरोफिल निर्माण; पत्तियों, तनों और शाखाओं की वृद्धि
पत्तियाँ पीली होना (क्लोरोसिस), पुरानी पत्तियों से शुरू होकर नई तक पहुँचना, पौधे का बौना रहना
फॉस्फोरस (P)
ऊर्जा यौगिक (ATP, ADP) का निर्माण; जड़ विकास, फूल-फल निर्माण, बीज परिपक्वता
पौधों की वृद्धि रुकना, पत्तियाँ गहरे हरे से बैंगनी रंग की होना, देर से फूल लगना
पोटैशियम (K)
जल संतुलन और रंध्र क्रिया (Stomatal regulation); एंजाइम सक्रियता; रोग प्रतिरोधक क्षमता
पत्तियों के किनारे पीले/भूरे होना (स्कॉर्च), कमजोर तना, रोग के प्रति संवेदनशीलता
कैल्शियम (Ca)
कोशिका भित्ति निर्माण, झिल्ली स्थिरता, नई जड़ों और कोंपलों का विकास
नई पत्तियों का विकृत होना, कोंपलों और जड़ों का सूखना, जड़ सड़न
मैग्नीशियम (Mg)
क्लोरोफिल का मुख्य घटक; प्रकाश संश्लेषण और एंजाइम सक्रियता
पुरानी पत्तियों में नसें हरी रहना और बीच का भाग पीला होना (Interveinal chlorosis)
सल्फर (S)
प्रोटीन, अमीनो अम्ल, एंजाइम व विटामिन निर्माण; क्लोरोफिल निर्माण में सहायक
नई पत्तियाँ पीली होना, पौधे का धीमा विकास, पत्तियाँ छोटी रहना
कार्बन (C)
प्रकाश संश्लेषण से ग्लूकोज़ व जैविक यौगिक निर्माण; संरचनात्मक घटक (सेलुलोज)
कमी सामान्यतः नहीं होती क्योंकि यह CO₂ से प्राप्त होता है I
हाइड्रोजन (H)
कार्बनिक यौगिकों का घटक; जल संतुलन व ऊर्जा स्थानांतरण में भूमिका
कमी नहीं होती क्योंकि यह पानी से मिलता है I
ऑक्सीजन (O)
श्वसन, ऊर्जा उत्पादन, जैविक यौगिकों का घटक
कमी नहीं होती क्योंकि यह हवा व पानी से मिलता है I

(2). माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्व

वे खनिज तत्व जिन्हें पौधों को बहुत कम मात्रा में (1 mg/g सूखे भार से कम) की आवश्यकता होती है, उन्हें माइक्रोन्यूट्रिएंट कहा जाता है। ये मात्रा में कम होते हुए भी एंजाइम क्रिया, हार्मोन निर्माण और मेटाबॉलिज़्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उदाहरण: आयरन (Fe), मैंगनीज़ (Mn), ज़िंक (Zn), कॉपर (Cu), मॉलिब्डेनम (Mo), बोरॉन (B), क्लोरीन (Cl), निकेल (Ni)।

तत्व प्रमुख कार्य कमी के लक्षण
आयरन (Fe)
क्लोरोफिल संश्लेषण में सहायक; इलेक्ट्रॉन परिवहन शृंखला का घटक
नसों के बीच पीला पड़ना (Interveinal chlorosis), नई पत्तियों पर अधिक असर
मैंगनीज़ (Mn)
प्रकाश संश्लेषण में जल के फोटोलाइसिस में भाग; एंजाइम सक्रियता
पत्तियों पर भूरे/पीले धब्बे, नसों के बीच हरापन
ज़िंक (Zn)
वृद्धि हार्मोन (ऑक्सिन) निर्माण; एंजाइम सक्रियता
पत्तियाँ छोटी रहना, बीच में पीले धब्बे, रोसेटिंग
कॉपर (Cu)
ऑक्सीडेशन-रिडक्शन प्रतिक्रियाओं में भाग; लिग्निन संश्लेषण
नई पत्तियों का मुरझाना, तनों का पतला होना
मॉलिब्डेनम (Mo)
नाइट्रोजन स्थिरीकरण व नाइट्रेट अपचयन में सहायक
पत्तियाँ मुड़ना, किनारे पीले होना, वृद्धि रुकना
बोरॉन (B)
परागण व बीज निर्माण; शर्करा का परिवहन
नई कोंपलों का मरना, जड़ों का सड़ना, फल में विकृति
क्लोरीन (Cl)
प्रकाश संश्लेषण में जल विभाजन; आयन संतुलन
मुरझाना, पत्तियों का पीला होना
निकेल (Ni)
यूरिएज एंजाइम का घटक; नाइट्रोजन चक्र में सहायक
बीज अंकुरण में कमी, पत्तियों का पीला होना

पोषक तत्व अवशोषण की प्रक्रिया (Process of Nutrient Uptake)

  1. अवशोषण (Absorption):
    • पौधों की जड़ें मिट्टी से आयन रूप में खनिज तत्वों को अवशोषित करती हैं।
    • मैक्रो तत्व सामान्यतः बड़ी मात्रा में जल के साथ अवशोषित होते हैं।
    • माइक्रो तत्व विशेष आयन ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जड़ों द्वारा लिए जाते हैं।
  2. परिवहन (Transport):
    • ज़ाइलम के माध्यम से जड़ों से पत्तियों तक, और फ्लोएम के माध्यम से अन्य अंगों तक पहुँचते हैं।
  3. उपयोग (Utilization):
    • कोशिका संरचना, एंजाइम क्रिया, प्रकाश संश्लेषण, श्वसन, प्रोटीन संश्लेषण आदि में भागीदारी।

जाइलम (Xylem) को जल संवाहक ऊतक (Water Conducting Tissue) भी कहते हैं। इसका प्रमुख कार्य अवशोषित जल तथा खनिज लवणों को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुंचाना है। यह चार प्रकार की कोशाओं यथा-वाहिनिकाएं, वाहिकाएं, काष्ठ मृदूतक तथा काष्ठ तंतु से निर्मित होता है।

फ्लोएम को बास्ट (Bast) ऊतक भी कहते हैं। इसका प्रमुख कार्य पौधे के हरे भागों में निर्मित भोज्य पदार्थों को दूसरे भागों में स्थानांतरित करना है। यह चार प्रकार की कोशाओं यथा- चालनी अवयव, सखि कोशाएं, फ्लोएम मृदूतक एवं फ्लोएम तंतु से निर्मित होता है।

अमरबेल (Cuscuta) एक पूर्ण स्तंभ परजीवी (Total Stem Parasite) आवृत्तबीजी पौधा है, जिसका तना पतला, दुर्बल तथा पीले रंग का होता है। इसका तना पोषक (Host) के चारों ओर लिपट कर परजीवी मूल (Haustorium) द्वारा भोजन, खनिज लवण और जल (H, O) प्राप्त करता है।

संवहनी पादपों में दो प्रकार के परिवहन ऊतक पाए जाते हैं—

  1. फ्लोएम
  2. जाइलम।

किसी वृक्ष की छाल की सबसे आंतरिक पर्त ही फ्लोएम है। इसका मुख्य कार्य प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में निर्मित घुलनशील कार्बनिक पदार्थ का परिवहन करना है। वृक्ष के आधार के पास से उसकी छाल निकाल देने पर फ्लोएम भी क्षतिग्रस्त हो जाएगा जिसके फलस्वरूप प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में पत्तियों द्वारा निर्मित पोषक तत्व जड़ों तक नहीं पहुंच सकेंगे तथा जड़ें ऊर्जा से वंचित रह जाएंगी।

मैक्रोन्यूट्रिएंट और माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्वों का महत्व

  1. मैक्रोन्यूट्रिएंट:

    • कोशिका संरचना (Cell Structure) के लिए आवश्यक।

    • ऊर्जा उत्पादन (ATP) और प्रोटीन संश्लेषण में भागीदार।

    • पौधे की कुल वृद्धि, फूल, फल और बीज निर्माण में सहायक।

  2. माइक्रोन्यूट्रिएंट:

    • एंजाइम सक्रियता और रासायनिक प्रतिक्रियाओं के उत्प्रेरक।

    • पौधे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।

    • कम मात्रा में भी पौधों के विकास और चयापचय (Metabolism) के लिए अत्यंत आवश्यक।

मैक्रोन्यूट्रिएंट तत्वों की सारणी

तत्व प्रमुख कार्य कमी के लक्षण
नाइट्रोजन (N)
प्रोटीन, क्लोरोफिल निर्माण
पत्तियाँ पीली होना (क्लोरोसिस)
फॉस्फोरस (P)
ऊर्जा यौगिक (ATP), जड़ वृद्धि
पौधों की वृद्धि रुकना
पोटैशियम (K)
जल संतुलन, एंजाइम सक्रियता
पत्तियों के किनारे जलना
कैल्शियम (Ca)
कोशिका भित्ति निर्माण
नई पत्तियों का विकृत होना
मैग्नीशियम (Mg)
क्लोरोफिल का घटक
पत्तियों का पीला होना, बीच की नस हरी
सल्फर (S)
प्रोटीन व एंजाइम निर्माण
नई पत्तियों का पीला होना
कार्बन (C)
प्रकाश संश्लेषण से ग्लूकोज़ व जैविक यौगिक निर्माण; संरचनात्मक घटक (सेलुलोज)
कमी नहीं होती
हाइड्रोजन (H)
कार्बनिक यौगिकों का घटक; जल संतुलन व ऊर्जा स्थानांतरण में भूमिका
कमी नहीं होती
ऑक्सीजन (O)
श्वसन, ऊर्जा उत्पादन, जैविक यौगिकों का घटक
कमी नहीं होती

माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्वों की सारणी

तत्व प्रमुख कार्य कमी के लक्षण
आयरन (Fe)
क्लोरोफिल संश्लेषण
नसों के बीच पीला पड़ना
मैंगनीज़ (Mn)
फोटोलीसिस में भाग
पत्तियों पर धब्बे
ज़िंक (Zn)
हार्मोन निर्माण
पत्तियाँ छोटी रहना
कॉपर (Cu)
ऑक्सीडेशन-रिडक्शन
तनों का मुरझाना
मॉलिब्डेनम (Mo)
नाइट्रोजन स्थिरीकरण
पत्तियाँ मुड़ना
बोरॉन (B)
परागण, शर्करा परिवहन
नई कोंपलों का मरना
क्लोरीन (Cl)
प्रकाश संश्लेषण में जल विभाजन
मुरझाना
निकेल (Ni)
यूरिएज एंजाइम का घटक
बीज अंकुरण में कमी

पादप पोषण की प्रक्रिया : महत्वपूर्ण प्रश्न

Quest-1: पौधों में अधिकांश पोषक तत्व कहाँ से प्राप्त होते हैं?

  1. वायुमंडल से
  2. मिट्टी से
  3. जल से
  4. प्रकाश से

उत्तर: (2) मिट्टी से

व्याख्या: पौधे अपने अधिकांश आवश्यक पोषक तत्व, जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, आदि, अपनी जड़ों के माध्यम से मिट्टी से अवशोषित करते हैं। वायुमंडल से उन्हें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड मिलती है, जबकि जल भी एक आवश्यक पोषक है।

Quest-2: पौधे के लिए मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (बृहद पोषक तत्व) कौन-से हैं?

  1. लोहा, मैंगनीज, तांबा
  2. नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम
  3. बोरोन, जस्ता, मोलिब्डेनम
  4. क्लोरीन, निकल, मैग्नीशियम

उत्तर: (2) नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम

व्याख्या: मैक्रोन्यूट्रिएंट्स वे पोषक तत्व हैं जिनकी पौधों को बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। इनमें मुख्य रूप से नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटेशियम (K), कैल्शियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg) और सल्फर (S) शामिल हैं।

तत्व प्रमुख कार्य कमी के लक्षण
नाइट्रोजन (N)
प्रोटीन, क्लोरोफिल निर्माण
पत्तियाँ पीली होना (क्लोरोसिस)
फॉस्फोरस (P)
ऊर्जा यौगिक (ATP), जड़ वृद्धि
पौधों की वृद्धि रुकना
पोटैशियम (K)
जल संतुलन, एंजाइम सक्रियता
पत्तियों के किनारे जलना
कैल्शियम (Ca)
कोशिका भित्ति निर्माण
नई पत्तियों का विकृत होना
मैग्नीशियम (Mg)
क्लोरोफिल का घटक
पत्तियों का पीला होना, बीच की नस हरी
सल्फर (S)
प्रोटीन व एंजाइम निर्माण
नई पत्तियों का पीला होना
कार्बन (C)
प्रकाश संश्लेषण से ग्लूकोज़ व जैविक यौगिक निर्माण; संरचनात्मक घटक (सेलुलोज)
कमी नहीं होती
हाइड्रोजन (H)
कार्बनिक यौगिकों का घटक; जल संतुलन व ऊर्जा स्थानांतरण में भूमिका
कमी नहीं होती
ऑक्सीजन (O)
श्वसन, ऊर्जा उत्पादन, जैविक यौगिकों का घटक
कमी नहीं होती

Quest-3: निम्नलिखित में से कौन-सा सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट) है?

  1. सल्फर
  2. फॉस्फोरस
  3. लोहा
  4. कैल्शियम

उत्तर: (3) लोहा

व्याख्या: माइक्रोन्यूट्रिएंट्स वे पोषक तत्व हैं जिनकी पौधों को बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है। लोहा (Fe), मैंगनीज (Mn), तांबा (Cu), जस्ता (Zn), बोरोन (B), मोलिब्डेनम (Mo), क्लोरीन (Cl) और निकल (Ni) सूक्ष्म पोषक तत्व हैं।

तत्व प्रमुख कार्य कमी के लक्षण
आयरन (Fe)
क्लोरोफिल संश्लेषण
नसों के बीच पीला पड़ना
मैंगनीज़ (Mn)
फोटोलीसिस में भाग
पत्तियों पर धब्बे
ज़िंक (Zn)
हार्मोन निर्माण
पत्तियाँ छोटी रहना
कॉपर (Cu)
ऑक्सीडेशन-रिडक्शन
तनों का मुरझाना
मॉलिब्डेनम (Mo)
नाइट्रोजन स्थिरीकरण
पत्तियाँ मुड़ना
बोरॉन (B)
परागण, शर्करा परिवहन
नई कोंपलों का मरना
क्लोरीन (Cl)
प्रकाश संश्लेषण में जल विभाजन
मुरझाना
निकेल (Ni)
यूरिएज एंजाइम का घटक
बीज अंकुरण में कमी

Quest-4: नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation) में कौन-सा जीवाणु महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है?

  1. लैक्टोबैसिलस
  2. राइजोबियम
  3. स्ट्रेप्टोकोकस
  4. माइकोबैक्टीरियम

उत्तर: (2) राइजोबियम

व्याख्या: राइजोबियम जीवाणु फलीदार पौधों (जैसे मटर, चना) की जड़ों में सहजीवी संबंध बनाकर रहते हैं। ये वायुमंडलीय नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदलते हैं, जिसे पौधे सीधे अवशोषित कर सकते हैं।

Quest-5: पौधों में क्लोरोफिल के निर्माण के लिए कौन-सा तत्व आवश्यक है?

  1. लोहा
  2. पोटेशियम
  3. बोरोन
  4. जस्ता

उत्तर: (1) लोहा

व्याख्या: हालाँकि लोहे का अणु सीधे क्लोरोफिल का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह क्लोरोफिल के संश्लेषण के लिए आवश्यक एंजाइमों को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोहे की कमी से पत्तियों में क्लोरोसिस (पीलापन) होता है।

Quest-6: पौधे द्वारा जल का अवशोषण किस प्रक्रिया से होता है?

  1. वाष्पोत्सर्जन
  2. परासरण
  3. प्रकाश संश्लेषण
  4. श्वसन

उत्तर: (2) परासरण

व्याख्या: परासरण (Osmosis) वह प्रक्रिया है जिसमें जल के अणु अपनी उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से कम सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर एक अर्ध-पारगम्य झिल्ली के माध्यम से गति करते हैं। जड़ों की कोशिकाएं इसी प्रक्रिया से मिट्टी से जल अवशोषित करती हैं।

Quest-7: निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व पौधों में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सबसे महत्वपूर्ण है?

  1. कैल्शियम
  2. नाइट्रोजन
  3. सल्फर
  4. मैंगनीज

उत्तर: (2) नाइट्रोजन

व्याख्या: नाइट्रोजन प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड (DNA और RNA) और क्लोरोफिल का एक प्रमुख घटक है। इसलिए, यह पौधों में वृद्धि और प्रोटीन संश्लेषण के लिए अत्यंत आवश्यक है।

Quest-8: पौधों में फॉस्फोरस का मुख्य कार्य क्या है?

  1. फलों और बीजों को मजबूत करना
  2. क्लोरोफिल का निर्माण करना
  3. वाष्पोत्सर्जन को नियंत्रित करना
  4. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना

उत्तर: (1) फलों और बीजों को मजबूत करना

व्याख्या: फॉस्फोरस (P) पौधों में ऊर्जा स्थानांतरण (ATP के रूप में), डीएनए और आरएनए का निर्माण, और फूलों तथा फलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जड़ों और बीजों के विकास के लिए भी आवश्यक है।

Quest-9: पोटेशियम का पौधों में मुख्य कार्य क्या है?

  1. क्लोरोफिल का संश्लेषण
  2. कोशिका विभाजन
  3. रंध्रों को खोलना और बंद करना
  4. प्रोटीन का निर्माण

उत्तर: (3) रंध्रों को खोलना और बंद करना

व्याख्या: पोटेशियम (K) पौधों में जल संतुलन और परासरण को नियंत्रित करता है। यह रंध्रों (stomata) के खुलने और बंद होने को नियंत्रित करता है, जिससे वाष्पोत्सर्जन और गैसों का आदान-प्रदान संभव होता है।

Quest-10: निम्नलिखित में से कौन-सा पौधा कीटभक्षी है?

  1. गुलाब
  2. लिली
  3. घटपर्णी (Pitcher Plant)
  4. गेंदा

उत्तर: (3) घटपर्णी (Pitcher Plant)

व्याख्या: घटपर्णी एक कीटभक्षी पौधा है। ये पौधे ऐसी मिट्टी में उगते हैं जिसमें नाइट्रोजन की कमी होती है। इसलिए, वे अपनी नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कीड़ों को फंसाकर पचाते हैं।

Quest-11: पौधों की जड़ों से जल का ऊपर की ओर उठना किस बल के कारण होता है?

  1. गुरुत्वाकर्षण बल
  2. वाष्पोत्सर्जन कर्षण (Transpirational Pull)
  3. कैपिलरी बल
  4. उपरोक्त सभी

उत्तर: (2) वाष्पोत्सर्जन कर्षण (Transpirational Pull)

व्याख्या: पत्तियों से वाष्पोत्सर्जन के दौरान जल की हानि होती है, जिससे पत्तियों में एक नकारात्मक दबाव (कर्षण) उत्पन्न होता है। यह कर्षण जल को जड़ों से पत्तियों तक खींचता है, जिसे वाष्पोत्सर्जन कर्षण कहते हैं।

Quest-12: पौधों में मैग्नीशियम की कमी का क्या लक्षण है?

  1. पत्तियों का पीला पड़ना (क्लोरोसिस)
  2. जड़ों का कमजोर होना
  3. फूल न आना
  4. तने का मोटा होना

उत्तर: (1) पत्तियों का पीला पड़ना (क्लोरोसिस)

व्याख्या: मैग्नीशियम (Mg) क्लोरोफिल अणु का एक केंद्रीय घटक है। इसकी कमी से क्लोरोफिल का निर्माण बाधित होता है, जिससे पत्तियों में पीलापन (क्लोरोसिस) आता है, खासकर पुरानी पत्तियों में।

तत्व प्रमुख कार्य कमी के लक्षण
नाइट्रोजन (N)
प्रोटीन, क्लोरोफिल निर्माण
पत्तियाँ पीली होना (क्लोरोसिस)
फॉस्फोरस (P)
ऊर्जा यौगिक (ATP), जड़ वृद्धि
पौधों की वृद्धि रुकना
पोटैशियम (K)
जल संतुलन, एंजाइम सक्रियता
पत्तियों के किनारे जलना
कैल्शियम (Ca)
कोशिका भित्ति निर्माण
नई पत्तियों का विकृत होना
मैग्नीशियम (Mg)
क्लोरोफिल का घटक
पत्तियों का पीला होना, बीच की नस हरी
सल्फर (S)
प्रोटीन व एंजाइम निर्माण
नई पत्तियों का पीला होना
कार्बन (C)
प्रकाश संश्लेषण से ग्लूकोज़ व जैविक यौगिक निर्माण; संरचनात्मक घटक (सेलुलोज)
कमी नहीं होती
हाइड्रोजन (H)
कार्बनिक यौगिकों का घटक; जल संतुलन व ऊर्जा स्थानांतरण में भूमिका
कमी नहीं होती
ऑक्सीजन (O)
श्वसन, ऊर्जा उत्पादन, जैविक यौगिकों का घटक
कमी नहीं होती

Quest-13: पादप पोषण में “बोरॉन” का क्या कार्य है?

  1. कोशिका भित्ति का निर्माण
  2. एंजाइमों को सक्रिय करना
  3. ऊर्जा का भंडारण
  4. जल का अवशोषण

उत्तर: (1) कोशिका भित्ति का निर्माण

व्याख्या: बोरॉन (B) पौधों में शर्करा के परिवहन, कोशिका भित्ति के निर्माण, और पराग नलिकाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Quest-14: किस तत्व की कमी से “लिटिल लीफ” रोग होता है?

  1. जस्ता (Zinc)
  2. तांबा (Copper)
  3. मैंगनीज (Manganese)
  4. निकल (Nickel)

उत्तर: (1) जस्ता (Zinc)

व्याख्या: जस्ता की कमी से पौधों में “लिटिल लीफ” (छोटी पत्ती) रोग होता है, जिसमें पत्तियों का आकार असामान्य रूप से छोटा हो जाता है और पौधों की वृद्धि रुक जाती है।

Quest-15: माइकोराइजा क्या है?

  1. एक कीटभक्षी पौधा
  2. एक रोगजनक जीवाणु
  3. कवक और पौधों की जड़ों के बीच सहजीवी संबंध
  4. एक प्रकार का शैवाल

उत्तर: (3) कवक और पौधों की जड़ों के बीच सहजीवी संबंध

व्याख्या: माइकोराइजा एक सहजीवी संबंध है जिसमें कवक पौधे की जड़ों के साथ रहते हैं। कवक पौधों को फॉस्फोरस और अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं, जबकि पौधे कवक को कार्बोहाइड्रेट्स प्रदान करते हैं।

Quest-16: प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में किस तत्व की आवश्यकता नहीं होती है?

  1. कार्बन
  2. हाइड्रोजन
  3. ऑक्सीजन
  4. नाइट्रोजन

उत्तर: (d) नाइट्रोजन

व्याख्या: प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन (कार्बन डाइऑक्साइड से), हाइड्रोजन (जल से), और ऑक्सीजन (जल और कार्बन डाइऑक्साइड से) आवश्यक हैं। नाइट्रोजन पौधों के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक है, लेकिन यह सीधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में शामिल नहीं होता है।

Quest-17: “हाइड्रोपोनिक्स” क्या है?

  1. मिट्टी में पौधों को उगाना
  2. जल में पोषक तत्वों के घोल में पौधों को उगाना
  3. रेत में पौधों को उगाना
  4. वायु में पौधों को उगाना

उत्तर: (2) जल में पोषक तत्वों के घोल में पौधों को उगाना

व्याख्या: हाइड्रोपोनिक्स मिट्टी के बिना पौधों को उगाने की तकनीक है। इसमें पौधों को सीधे जल में उगाया जाता है जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व सही अनुपात में घुले होते हैं।

Quest-18: पौधे किस रूप में नाइट्रोजन का अवशोषण करते हैं?

  1. नाइट्रेट और अमोनियम
  2. नाइट्रस ऑक्साइड
  3. वायुमंडलीय नाइट्रोजन
  4. अमीनो एसिड

उत्तर: (1) नाइट्रेट और अमोनियम

व्याख्या: पौधे सीधे वायुमंडलीय नाइट्रोजन (N2) का उपयोग नहीं कर सकते। वे इसे मुख्य रूप से नाइट्रेट (NO3−) और अमोनियम (NH4+) आयनों के रूप में अवशोषित करते हैं, जो मिट्टी में जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण के माध्यम से बनते हैं।

Quest-19: पौधों की जड़ों में उपस्थित “केशिकाएं” (Root Hairs) किस कार्य में मदद करती हैं?

  1. प्रकाश संश्लेषण
  2. पौधों को सहारा देना
  3. जल और पोषक तत्वों का अवशोषण
  4. क्लोरोफिल का निर्माण

उत्तर: (3) जल और पोषक तत्वों का अवशोषण

व्याख्या: रूट केशिकाएं जड़ों की सतह का क्षेत्रफल बढ़ाती हैं, जिससे वे मिट्टी से जल और खनिज पोषक तत्वों को अधिक कुशलता से अवशोषित कर पाती हैं।

Quest-20: निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व पौधों में ऊर्जा भंडारण और स्थानांतरण के लिए सबसे महत्वपूर्ण है?

  1. फॉस्फोरस
  2. कैल्शियम
  3. पोटेशियम
  4. सल्फर

उत्तर: (1) फॉस्फोरस

व्याख्या: फॉस्फोरस एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) का एक प्रमुख घटक है, जिसे कोशिका की “ऊर्जा मुद्रा” कहा जाता है। इसलिए, यह पौधों में ऊर्जा के भंडारण और स्थानांतरण में केंद्रीय भूमिका निभाता है।

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