प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया
प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) वह क्रिया है जिसमें पौधों के हरे भाग सूर्य से प्रकाश ऊर्जा को ग्रहण कर वायु से ली गई कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) तथा मृदा से शोषित जल (H2O) द्वारा कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं एवं ऑक्सीजन (O) को उपोत्पाद (By-Product) के रूप में बाहर निकालते हैं। प्रकाश संश्लेषण की संपूर्ण क्रिया को निम्नलिखित अभिक्रिया द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है-
पृथ्वी पर कुल प्रकाश संश्लेषण का लगभग 90 प्रतिशत भाग जलीय पौधे व शैवालों द्वारा होता है। इसमें लगभग 80-85 प्रतिशत भाग समुद्र में (मुख्यतः शैवालों द्वारा ) तथा शेष 5-10 प्रतिशत भाग नदी, तालाब आदि में होता है। पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया से उत्पन्न समस्त ऑक्सीजन जल से प्राप्त होती है।
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा हरे पौधे भोज्य पदार्थ (कार्बोहाइड्रेट) का निर्माण करते हैं। इस क्रिया में पौधे प्राकृतिक रूप से सूर्य के प्रकाश से ही ऊर्जा ग्रहण करते हैं, किंतु समुद्रीय शैवाल चंद्रना के प्रकाश में भी यह क्रिया करते हैं तथा विद्युत प्रकाश में भी पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होती है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के दौरान ग्लूकोज के प्रत्येक अणु के संश्लेषण में ए.टी.पी. के 18 अणु शामिल होते हैं।
प्रकाश अवशोषित करने वाले अणुओं को प्रकाशसंश्लेषी वर्णक कहते हैं, जो क्लोरोप्लास्ट (हरितलवक) के ग्रेना (Grana) भाग में पाए जाते हैं। ये मुख्यतः नीला, बैंगनी, लाल व नारंगी किरणों का अवशोषण करते हैं। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया क्लोरोप्लास्ट नामक कोशिकांग में संपन्न होती है। क्लोरोप्लास्ट में हरे रंग का वर्णक क्लोरोफिल (पर्णहरिम) पाया जाता है। मैग्नीशियम क्लोरोफिल का प्रमुख तत्व है।
पर्णहरित या क्लोरोफिल एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। यह वर्णक पत्तों के हरे रंग का कारण है। मैग्नीशियम क्लोरोफिल का प्रमुख तत्व है। मैग्नीशियम के अतिरिक्त क्लोरोफिल में कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन व ऑक्सीजन भी उपस्थित रहते हैं।
प्रकाश, तापक्रम, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को नियंत्रित करने वाले बाह्य कारक हैं। प्रकाश संश्लेषण पर प्रकाश का प्रभाव तीन प्रकार से होता है। यह प्रखरता (Intensity), प्रकाश का प्रकार (Quality) तथा उसके अंतराल (Duration) तीनों से प्रभावित होता है। दुर्बल प्रखरता के प्रकाश में संभवतः पर्णरंत्रों के न खुलने से तथा गैसीय विसरण बहुत धीनी दर से होने के कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं होती है। जैसे-जैसे प्रकाश की तीव्रता बढ़ती है, प्रकाश संश्लेषण की क्रिया आरंभ हो जाती है तथा गति प्राप्त करती है।
विभिन्न तरंग दैयों के प्रभाव के संबंध में, अधिकतम प्रकाश संश्लेषण लाल प्रकाश (650 नैनोमीटर) में तथा द्वितीय अधिकतम नीले प्रकाश (475 नैनोमीटर) में पाया जाता है। हालांकि पर्णहरित लाल प्रकाश की अपेक्षा नीला प्रकाश अधिक अवशोषित करता है, परंतु प्रकाश संश्लेषण में सर्वाधिक प्रयोग लाल प्रकाश का ही होता है।
बैंगनी रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे कम व आवृत्ति सबसे अधिक, जबकि लाल रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक तथा आवृत्ति न्यूनतम होती है।
‘प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में हरे पौधे प्रकाश ऊर्जा (Light Energy ) को रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy) में रूपांतरित कर देते हैं, जो कि पौधों में कार्बनिक पदार्थ के रूप में संचित हो जाती है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया दो चरणों में संपन्न होती है। पहले चरण में प्रकाश पर निर्भर प्रतिक्रियाओं के द्वारा प्रकाश ऊर्जा ATP और NADPH के ऊर्जा संचित करने वाले अणुओं के निर्माण में प्रयुक्त होती है। दूसरे चरण में प्रकाश से स्वतंत्र प्रतिक्रियाओं द्वारा इन उत्पादों का प्रयोग कार्बन डाइऑक्साइड के संग्रहण और न्यूनीकरण में किया जाता है।
क्लोरेला क्लोरोफाइटा से संबंधित एककोशिकीय हरित शैवाल की एक प्रजाति है। सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलने की क्लोरेला की दक्षता सर्वाधिक 8 प्रतिशत होती है।
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया : महत्वपूर्ण प्रश्न
Quest-1: प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में, प्रकाश ऊर्जा को किस ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है?
- रासायनिक ऊर्जा
- विद्युत ऊर्जा
- गतिज ऊर्जा
- ऊष्मीय ऊर्जा
उत्तर: (1) रासायनिक ऊर्जा
व्याख्या: प्रकाश संश्लेषण में पौधे सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और इसे रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, जो ग्लूकोज जैसे कार्बोहाइड्रेट्स के अणुओं में संग्रहीत होती है।
Quest-2: प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक मुख्य वर्णक कौन सा है?
- कैरोटीन
- ज़ैंथोफिल
- क्लोरोफिल
- एंथोसायनिन
उत्तर: (3) क्लोरोफिल
व्याख्या: क्लोरोफिल एक हरा वर्णक है जो क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है। यह सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया शुरू होती है।
Quest-3: पौधों में प्रकाश संश्लेषण कहाँ होता है?
- जड़ें
- तना
- पत्तियाँ
- फूल
उत्तर: (3) पत्तियाँ
व्याख्या: पत्तियों को पौधों की ‘खाद्य फैक्ट्री’ कहा जाता है, क्योंकि उनमें बड़ी संख्या में क्लोरोप्लास्ट होते हैं जहाँ प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होती है।
Quest-4: प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में कौन सी गैस बाहर निकलती है?
- कार्बन डाइऑक्साइड
- नाइट्रोजन
- ऑक्सीजन
- मीथेन
उत्तर: (3) ऑक्सीजन
व्याख्या: प्रकाश संश्लेषण के दौरान, पौधे कार्बन डाइऑक्साइड और जल का उपयोग करते हैं और ऑक्सीजन को एक उप-उत्पाद के रूप में वायुमंडल में छोड़ते हैं।
Quest-5: प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्चा माल कौन सा है?
- ऑक्सीजन और जल
- कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन
- कार्बन डाइऑक्साइड और जल
- ग्लूकोज और ऑक्सीजन
उत्तर: (3) कार्बन डाइऑक्साइड और जल
व्याख्या: प्रकाश संश्लेषण के रासायनिक समीकरण के अनुसार, कार्बन डाइऑक्साइड और जल इसके प्रमुख कच्चे उत्पाद हैं।
Quest-6: प्रकाश संश्लेषण की दर सबसे अधिक किस रंग के प्रकाश में होती है?
- हरा
- नीला
- लाल
- लाल और नीला
उत्तर: (4) लाल और नीला
व्याख्या: क्लोरोफिल वर्णक लाल और नीले रंग के प्रकाश को सबसे अधिक अवशोषित करता है। इसलिए, इन रंगों के प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण की दर सबसे अधिक होती है। हरे रंग का प्रकाश परावर्तित हो जाता है, जिससे पौधे हरे दिखाई देते हैं।
Quest-7: प्रकाश संश्लेषण के प्रकाश-निर्भर अभिक्रियाएं कहाँ होती हैं?
- स्ट्रोमा
- थाइलाकोइड
- साइटोप्लाज्म
- माइटोकॉन्ड्रिया
उत्तर: (2) थाइलाकोइड
व्याख्या: प्रकाश-निर्भर अभिक्रियाएं क्लोरोप्लास्ट के थाइलाकोइड झिल्लियों में होती हैं, जहाँ क्लोरोफिल मौजूद होता है। यहाँ प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदला जाता है।
Quest-8: C3 पौधों में कार्बन डाइऑक्साइड का पहला स्थायी उत्पाद क्या है?
- मैलिक एसिड
- ऑक्सालोएसिटेट
- 3-फॉस्फोग्लिसरेट
- ग्लूकोज
उत्तर: (3) 3-फॉस्फोग्लिसरेट
व्याख्या: C3 पौधों में, कार्बन डाइऑक्साइड को एक 5-कार्बन यौगिक (RuBP) के साथ जोड़ा जाता है, जिससे पहला स्थायी उत्पाद एक 3-कार्बन यौगिक, 3-फॉस्फोग्लिसरेट (3-PGA) बनता है।
Quest-9: प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में जल के अणु का टूटना क्या कहलाता है?
- फोटोलाइसिस
- श्वसन
- किण्वन
- ऑक्सीकरण
उत्तर: (1) फोटोलाइसिस
व्याख्या: सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में जल के अणुओं का हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में टूटना ‘प्रकाश-अपघटन’ या ‘फोटोलाइसिस’ कहलाता है।
Quest-10: किस प्रक्रिया के कारण प्रकाश संश्लेषण के दौरान ऑक्सीजन मुक्त होती है?
- कार्बन डाइऑक्साइड का अपचयन
- जल का ऑक्सीकरण
- ग्लूकोज का निर्माण
- क्लोरोफिल का सक्रियण
उत्तर: (2) जल का ऑक्सीकरण
व्याख्या: जल के अणु से इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन निकालने की प्रक्रिया को जल का ऑक्सीकरण कहा जाता है। इसी प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन उप-उत्पाद के रूप में मुक्त होती है।
Quest-11: C4 पौधे किस वातावरण में सबसे अच्छे से पनपते हैं?
- ठंडे और नम वातावरण
- गर्म और शुष्क वातावरण
- समुद्री वातावरण
- कम रोशनी वाले क्षेत्र
उत्तर: (2) गर्म और शुष्क वातावरण
व्याख्या: C4 पौधे (जैसे मक्का, गन्ना) अपनी विशेष क्रैन्ज़ एनाटॉमी के कारण गर्म और शुष्क वातावरण में फोटोरेस्पिरेशन को कम करके अधिक कुशलता से प्रकाश संश्लेषण कर सकते हैं।
Quest-12: प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक एंजाइम किसमें पाए जाते हैं?
- क्लोरोप्लास्ट का स्ट्रोमा
- क्लोरोप्लास्ट की बाहरी झिल्ली
- थाइलाकोइड की झिल्ली
- कोशिका भित्ति
उत्तर: (1) क्लोरोप्लास्ट का स्ट्रोमा
व्याख्या: प्रकाश-स्वतंत्र अभिक्रियाएं (केल्विन चक्र) स्ट्रोमा में होती हैं, जहाँ RuBisCO जैसे महत्वपूर्ण एंजाइम पाए जाते हैं जो कार्बन डाइऑक्साइड को स्थिर करते हैं।
Quest-13: प्रकाश संश्लेषण की दर किस कारक द्वारा सीमित हो सकती है?
- वायुमंडलीय दबाव
- आर्द्रता
- कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता
- प्रकाश की तरंगदैर्ध्य
उत्तर: (3) कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता
व्याख्या: ब्लैक मैन्स सीमाकारी कारक के नियम के अनुसार, प्रकाश संश्लेषण की दर उस कारक से सीमित होती है जो सबसे कम मात्रा में उपलब्ध होता है। अक्सर कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता प्रकाश संश्लेषण की दर को सीमित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक होती है।
Quest-14: CAM पौधे रात में कार्बन डाइऑक्साइड को किस रूप में संग्रहित करते हैं?
- ग्लूकोज
- स्टार्च
- मैलिक एसिड
- एटीपी
उत्तर: (3) मैलिक एसिड
व्याख्या: CAM पौधे (जैसे कैक्टस) रात में अपने रंध्र खोलकर कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और इसे मैलिक एसिड में परिवर्तित करके रसधानियों में संग्रहीत करते हैं। दिन में, यह मैलिक एसिड टूटकर CO2 को मुक्त करता है जिसका उपयोग प्रकाश संश्लेषण में होता है।
Quest-15: प्रकाश-स्वतंत्र अभिक्रियाओं का दूसरा नाम क्या है?
- हिल अभिक्रिया
- केल्विन चक्र
- फोटोरेस्पिरेशन
- ग्लाइकोलाइसिस
उत्तर: (2) केल्विन चक्र
व्याख्या: प्रकाश-स्वतंत्र अभिक्रियाओं को केल्विन चक्र के नाम से भी जाना जाता है। इस चक्र में एटीपी और एनएडीपीएच का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड को शर्करा में परिवर्तित किया जाता है।
Quest-16: प्रकाश संश्लेषण की दर कम करने वाला एक महत्वपूर्ण आंतरिक कारक क्या है?
- प्रकाश की तीव्रता
- क्लोरोफिल की मात्रा
- तापमान
- कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता
उत्तर: (2) क्लोरोफिल की मात्रा
व्याख्या: क्लोरोफिल की मात्रा एक आंतरिक कारक है। यदि पत्तियों में क्लोरोफिल की मात्रा कम है, तो प्रकाश को अवशोषित करने की क्षमता भी कम हो जाएगी, जिससे प्रकाश संश्लेषण की दर कम हो जाएगी।
Quest-17: प्रकाश संश्लेषण के दौरान उत्पादित ग्लूकोज का क्या होता है?
- यह तुरंत श्वसन में उपयोग हो जाता है।
- इसे स्टार्च के रूप में संग्रहीत किया जाता है।
- यह पौधे के विभिन्न भागों में स्थानांतरित होता है।
- उपरोक्त सभी
उत्तर: (4) उपरोक्त सभी
व्याख्या: प्रकाश संश्लेषण से बना ग्लूकोज या तो तत्काल ऊर्जा के लिए उपयोग होता है, या स्टार्च के रूप में पत्तियों में संग्रहीत होता है, या फ्लोएम के माध्यम से पौधे के अन्य भागों में भेजा जाता है।
Quest-18: प्रकाश संश्लेषण में ATP और NADPH का निर्माण किस चरण में होता है?
- प्रकाश-स्वतंत्र अभिक्रिया
- केल्विन चक्र
- प्रकाश-निर्भर अभिक्रिया
- ग्लाइकोलाइसिस
उत्तर: (3) प्रकाश-निर्भर अभिक्रिया
व्याख्या: ATP (ऊर्जा मुद्रा) और NADPH (ऊर्जा वाहक) प्रकाश-निर्भर अभिक्रियाओं के प्रमुख उत्पाद हैं। इनका उपयोग बाद में प्रकाश-स्वतंत्र अभिक्रियाओं में कार्बन स्थिरीकरण के लिए किया जाता है।
Quest-19: प्रकाश संश्लेषण का उद्देश्य क्या है?
- ऑक्सीजन का उत्पादन
- जल का शुद्धिकरण
- ऊर्जा का निर्माण
- मिट्टी को उपजाऊ बनाना
उत्तर: (3) ऊर्जा का निर्माण
व्याख्या: प्रकाश संश्लेषण का प्राथमिक उद्देश्य सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करके ग्लूकोज के रूप में रासायनिक ऊर्जा का निर्माण करना है, जो पौधे के विकास और जीवित रहने के लिए आवश्यक है। ऑक्सीजन का उत्पादन एक महत्वपूर्ण उप-उत्पाद है।
Quest-20: ‘प्रकाश संश्लेषण’ शब्द सबसे पहले किसने गढ़ा था?
- रॉबर्ट हुक
- चार्ल्स डार्विन
- जान इंगन्हौस
- चार्ल्स बार्न्स
उत्तर: (d) चार्ल्स बार्न्स
व्याख्या: “प्रकाश संश्लेषण” (photosynthesis) शब्द 1893 में अमेरिकी वनस्पतिशास्त्री चार्ल्स बार्न्स (Charles Barnes) द्वारा दिया गया था।
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